प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बढ़ाने का औचित्य
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना कोरोना काल में प्रारम्भ हुआ था। यह योजना दिनांक 31.12.2023 को समाप्त होने वाली थी।इस योजना में लगभग अस्सी करोड़ कथित रूप से गरीब लोगों को जन वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी को 5 kg प्रति माह अन्न देने का प्रावधान है। मान लीजिये कि मोदी सरकार इस योजना को आगे नहीं बढ़ाती तो ऐसे में क्या होता? मेरा उत्तर: इस योजना में प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ टन अनाज वितरित किया जाता है। अब इतना अनाज FCI किसानों से एमएसपी पर नहीं खरीदती। तब किसान नेता शोर मचाते कि उनके अनाज को सरकार नहीं खरीद रही है। तब किसानों को इतना अनाज व्यापारियों के हाथों बेचना पड़ता। अब व्यापारी किस तरह से खरीद के मौसम में मूल्य कम करा देते हैं इसे हमने पूर्व सरकार में देखा है। क्या किसान और किसानों के हितैषी यही चाहते हैं? या फिर नया किसान आंदोलन?